सेटअप 2008 से छेड़छाड़ विधि विरुद्ध होगा
वर्तमान प्रभावशील सेटअप से वेतन व पदों की व्यवस्था है।
युक्तियुक्तकरण नीति में न्यूनतम छात्र संख्या पर हर शाला में 1 – 1 पद कम किया गया
एक परिसर के छात्रो को उच्च कक्षा में प्रवेश मान्य करने का निर्देश पूर्व से है
शाला में प्रधान पाठक का पद जरूरी – संजय शर्मा
विसंगतिपूर्ण युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया का 7 महीने पहले ही शिक्षा जगत में व्यापक विरोध हुआ था और विरोध के चलते ही उस आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाया गया था।
यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि आखिर जिस आदेश को विरोध व खामियों के चलते रोका गया, उसी को मूल रूप में फिर से सामने क्यों लाया गया, जबकि उन्हें पहले से पता था कि इस आदेश के पुनः क्रियान्वयन पर विरोध होना तय है, शिक्षा विभाग युक्तियुक्तकरण की खामियों को दूर करने के बजाय नित नए अव्यवहारिक तथ्य परोसने में क्यों लगा है?
यदि शिक्षा विभाग के अधिकारी जितनी ऊर्जा अपनी त्रुटियों को छुपाने के लिए तथ्य परोसने में लगे हैं, उतनी ही ऊर्जा शिक्षक संघों के साथ बैठककर युक्तियुक्तकरण के कमियों को सुधारने में लगाते तो प्रदेश शिक्षा व्यवस्था और दुरुस्त होता।
शिक्षा विभाग के अधिकारी ही प्रदेश के स्कूलों के लिए जारी 2008 के सेटअप को क्यों नकार रहे हैं, जबकि वह अभी प्रभावशील है, उसी सेटअप के अनुरूप स्कूलों में शिक्षकों के पदों की स्वीकृति भी दिया गया है, वेतन आहरण किया जा रहा है, शिक्षा विभाग के अधिकारी जानते हैं कि केवल कोई आदेश को अप्रासंगिक कह देने से ही वह अमान्य नहीं हो जाता है, बल्कि यह विधि का विषय हो जायेगा।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश संयोजक सुधीर प्रधान, वाजिद खान, प्रदेश उपाध्यक्ष हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहु, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, शैलेंद्र यदु, प्रदेश सचिव मनोज सनाढ्य, प्रदेश कोषाध्यक्ष शैलेंद्र पारीक,गुरुदेव राठौर प्रदेश महामंत्री,श्रीमती सपना दुबे प्रदेश सहसचिव,बिनेश भगत प्रदेश संगठन सहसचिव,श्रीमती मंजू पुरसेठ प्रांतीय महिला प्रतिनिधि,नेतराम साहू जिलाध्यक्ष,श्रीमती गायत्री ठाकुर जिला महिला प्रमुख, भोलाशंकर पटेल जिला संयोजक, गुरुनाथ जांगड़े वरिष्ठ उपाध्यक्ष,पंचराम यादव उपाध्यक्ष,लिंगराज बेहरा उपाध्यक्ष,नोहर सिंह सिदार जिला सचिव,श्रीमती रश्मि साहू कोषाध्यक्ष ,श्रीमती मंजू अवस्थी,विजय पटेल,भूपेश पंडा,सच्चिदानंद पुरसेठ जिला महासचिव,संतोष कुमार पटेल ब्लॉक अध्यक्ष-रायगढ़,गुरुचरण भगत ब्लॉक अध्यक्ष तमनार,लक्ष्मीप्रसाद धुर्वे नगर अध्यक्ष रायगढ़,सुनील पटेल अध्यक्ष घरघोड़ा,खगेश्वर पटेल, अध्यक्ष खरसिया,नरेंद्र चौहान अध्यक्ष पुसौर रामनिवास मिरी तहसील अध्यक्ष लैलूंगा,भवन साय पोर्ते अध्यक्ष लैलूंगा,हेतराम पटेल कार्य. अध्यक्ष तमनार,हरीश मिरी जिला मीडिया प्रभारी,सेवकराम मोहले जिला संगठन मंत्री,श्रीमती प्रेमा सिदार,श्रीमती सविता सिंह,श्रीमती माधुरी पटनायक,श्रीमती स्मिता मिश्रा,पालूराम सिदार,प्रमोद कुमार निकुंज,परसुराम खड़िया एवं अन्य सक्रिय पदाधिकारियों ने कहा है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों का यह कहना भी गलत है कि प्राथमिक स्कूलों में केवल दो कक्ष ही बने हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारीगण यह बात स्वीकारने से क्यों डर रहे हैं कि प्रदेश के प्रत्येक प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक शाला में शिक्षक का एक-एक पद न्यूतम छात्र संख्या में समाप्त कर रहे हैं।
यह बात पूर्णतः सत्य है कि वर्तमान विसंगतिपूर्ण युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के माध्यम से न्यूनतम छात्र संख्या के नए मानक तय कर प्रदेश के 30700 प्राथमिक व 13149 पूर्व माध्यमिक शालाओं को मिलाकर कुल 43849 सहायक शिक्षकों व शिक्षकों के पद को खत्म करने जा रहे हैं।
हायर सेकेण्डरी स्कूलों में भी युक्तियुक्तकरण के नाम से सेटअप के विपरीत पदों को समाप्त कर शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने में लगे हुए हैं, यदि शासन प्रशासन, शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करना चाहते है तो शिक्षक संघ के माध्यम से मिले सकारात्मक सुझाव को दरकिनार क्यों कर रहे हैं? शिक्षक संघों के साथ बैठकर इसका समाधान क्यों नहीं निकाल रहे हैं?
कुल मिलाकर देखा जाए तो अधिकारियों की मंशा शिक्षा व्यवस्था को सुधारना नहीं, बल्कि चौपट करना है। प्रदेश के 23 शिक्षक संघों ने विसंगतिपूर्ण युक्तियुक्तकरण के लिए एकजुटता प्रदर्शित करते हुए आगामी 28 मई को मंत्रालय के घेराव का निर्णय लिया है। शिक्षा विभाग के पास अब भी वक्त है कि विसंगतिपूर्ण युक्तियुक्तकरण के स्थान पर 2008 के सेटअप के अनुसार स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था सुनिश्चित करे।
युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में न्यूनतम छात्र संख्या के आधार पर शिक्षकों की उपलब्धता की जाए, सेटअप 2008 में न्यूनतम छात्र संख्या पर प्राथमिक शाला में 1+2 और पूर्व माध्यमिक शाला में 1+ 4 का मानक दिया गया है तो आखिर इस मानक को युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में प्रावधानित करते हुए छात्र संख्या बढ़ने पर प्राथमिक शाला में 30 छात्रों पर एक अतिरिक्त शिक्षक व पूर्व माध्यमिक शाला में 35 छात्रों पर एक अतिरिक्त शिक्षक की व्यवस्था किया जाना चाहिए यहां पर शिक्षा विभाग द्वारा अपने तथ्यों से यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि छात्र संख्या के आधार पर शिक्षकों की तैनाती की जाएगी, वास्तविकता तो यह है कि न्यूनतम छात्र संख्या में सेटअप 2008 में जो दिए गए प्रावधान है उसका पालन किया जावे अन्यथा 2008 सेटअप के खिलाफ किया गया कोई भी युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया या कार्य विधि संगत नहीं होगा।
एक ही परिसर की शालाओं में नए प्रवेश का प्रावधान शिक्षा विभाग में पहले ही समाप्त कर दिया है इसके लिए व्यवस्था पूर्व में ही दी गई है कि कक्षा पहली से पांचवी अध्ययन कर उत्तीर्ण होने वाले छात्र उसी परिसर के उच्च कक्षा में स्वतः प्रवेशित माने जाएंगे इस आधार पर पांचवी के छात्रों को सीधे कक्षा 6 वीं में प्रवेश दिया जाता है, कक्षा आठवीं के छात्रों को सीधा कक्षा 9 वीं में प्रवेश दिया जाता है और 10 वीं के छात्रों को सीधे 11वीं कक्षा में प्रवेश दिया जाता है अतः कई बार अलग अलग प्रवेश लेने की जो भ्रांति फैलाई जा रही है, यह पूर्णता गलत है।
प्रत्येक विद्यालय के संचालन के लिए एक विद्यालय प्रमुख की भूमिका अनिवार्य होती है ताकि वह मध्यान्ह भोजन, छात्रों के पुस्तक, गणवेश के साथ ही साथ शिक्षकों का निरीक्षण करें, इसके लिए प्रधान पाठक का पद प्राथमिक में पूर्व माध्यमिक शाला में भी होना अनिवार्य है, प्रत्येक प्रा व पूर्व मा शाला में प्रधान पाठक का स्वीकृत पद रहने से शिक्षकों को पदोन्नति का भी अवसर मिलेगा।
इस विषय में विस्तृत जानकारी प्रदेश के शिक्षक संवर्ग हित में बिनेश भगत प्रदेश संगठन सहसचिव छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन जिला रायगढ़ ने साझा किया है।
