अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
दंतेवाड़ा – केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बस्तर पंडुम कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि महाराजा प्रवीर चंद्र भंजदेव ने जनजातियों के जल , जंगल , जमीन और संस्कृति के लिये अपने प्राणों की आहुति दी थी। उन्होंने कहा कि यहां एक प्रजावत्सल राजा के रूप में उनकी लोकप्रियता तत्कालीन सरकार को सहन नहीं हुई और साज़िश के तहत उनकी हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि आज जब पूरा बस्तर लाल आतंक से मुक्त होने की कगार पर है और विकास के रास्ते पर चल चुका है, तब प्रवीर चंद्र जी की आत्मा जहां भी होगी बस्तरवासियों को अपना आशीर्वाद दे रही होगी। गृह मंत्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अगले साल से बस्तर पंडुम के दौरान देश के हर आदिवासी ज़िले से कलाकारों को इसमें शामिल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि बस्तर पंडुम को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की ख्याति दिलाने के लिये सभी देशों के राजदूतों को बस्तर का भ्रमण करवाकर यहां की परंपरा, संस्कृति और कला को पूरे विश्व तक पहुंचाने का काम मोदी सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि 1885 ग्राम पंचायतों, 12 नगर पंचायतों , 08 नगर परिषदों, एक नगरपालिका और 32 जनपदों के 47 हज़ार कलाकारों ने इस उत्सव में भाग लिया है। ज़िला प्रशासन और संस्कृति विभाग ने बस्तर पंडुम के लिये पांच करोड़ रूपये का आवंटन किया है। यह पंडुम स्थानीय और पारंपरिक कला, संस्कृति, शिल्पकला, तीज-त्यौहार, खानपान, बोली, भाषा, रीति रिवाज़, वेशभूषा, आभूषण, पारंपरिक गीत-संगीत और व्यंजन को मूल रूप में संवर्धित और संरक्षित करने का काम करेगा। गृह मंत्री ने कहा कि हम चाहते हैं हमारे बस्तर का युवा सबसे आधुनिक शिक्षा प्राप्त करे, विश्व के युवाओं के साथ हर मंच पर प्रतिस्पर्धा करे और दुनियाँ भर की समृद्धि प्राप्त करे लेकिन अपनी संस्कृति, भाषा, परंपराओं को कभी ना भूले। उन्होंने कहा कि बस्तर की संस्कृति, बोलियां, वाद्य यंत्र और भोजन सिर्फ छत्तीसगढ़ नहीं बल्कि पूरे भारत की संस्कृति का गहना हैं और हमें इसे संजोकर रखना है। श्री शाह ने कहा कि सात श्रेणियों में मनाये जा रहे बस्तर पंडुम उत्सव को अगले वर्ष 12 श्रेणियों में मनाया जायेगा और देश भर के आदिवासी इसमें शामिल होंगे। गृह मंत्री ने कहा कि भारत की ताकत अनेकता में एकता, अनेक प्रकार की संस्कृतियों, कलाओं, परंपराओं, भाषाओं, बोलियों और व्यंजनों का समागम है। उन्होने कहा कि हम दुनिया के साथ हर स्पर्धा में खड़े रहेंगे लेकिन हमारी संस्कृति और अन्य धरोहर को संरक्षित भी करेंगे और बस्तर पंडुम इसकी शुरूआत है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने सभी नक्सलसियों से अपील करते हुये कहा कि वे हथियार डालकर मुख्यधारा में आ जायें क्योंकि बस्तर विकास चाहता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी बस्तर को सब कुछ देना चाहते हैं, लेकिन यह तभी संभव है जब बस्तर में शांति हो। यहां के बच्चे स्कूल जायें , माताओं के स्वास्थ्य की चिंता हो, आदिवासी और युवा कुपोषण से पीड़ित ना हों, बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था हो, हर गांव में दवाखाना हो और तहसील में अस्पताल हो, तभी विकास संभव है। उन्होंने कहा कि यह सब तभी हो सकता है जब बस्तर के लोग तय करें कि वे हर गांव को नक्सलवाद मुक्त बनायेंगे। श्री शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने घोषणा की है जो गांव सभी नक्सलियों से सरेंडर करायेगा उस गांव को नक्सलवाद मुक्त घोषित कर एक करोड़ रूपये की विकास राशि दी जायेगी। उन्होंने कहा कि कोई किसी को मारना नहीं चाहता , इसीलिये नक्सलियों को हिंसा छोड़कर मेनस्ट्रीम में आना चाहिये और उनका संरक्षण भारत सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार करेगी। गृह मंत्री शाह ने कहा कि विकास, विश्वास और विजय की लौ के साथ अब बस्तर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हर गांव की सभा बुलाकर नक्सलियों को सरेंडर करने के लिये प्रोत्साहित किया जाना चाहिये और विकास के रास्ते को खोलने में मदद की जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि विकास तब होगा जब सुकमा से कोई सब-इन्सपेक्टर बने , बस्तर से बैरिस्टर , दंतेवाड़ा से डॉक्टर और कांकेर से कलेक्टर बने , ऐसे ही बस्तर का विकास और निर्माण हमें करना है। उन्होंने कहा कि सभी को विकास के सपनों को सच करने के लिये निष्ठापूर्वक और निर्भीक होकर प्रयास करना चाहिये क्योंकि मोदी के शासन में किसी को डरने की ज़रूरत नहीं है। इसके पहले केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर अपने एक दिवसीय दंतेवाड़ा प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री साय के साथ बस्तर अंचल की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना कर देश एवं प्रदेशवासियों के सुख , समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर द्वय उपमुख्यमंत्री अरुण साव एवं विजय शर्मा , कृषि मंत्री रामविचार नेताम , वन मंत्री केदार कश्यप , विधायक किरण देव सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।
