संवाददाता – दुर्गा प्रसाद डडसेना
जांजगीर चांपा – जांजगीर चांपा जिले के बम्हनीडीह एवं बिर्रा थाना क्षेत्र में अवैध शराब के कारोबार का जाल तेजी से फैल रहा है। गली-मोहल्लों से लेकर ढाबों तक कच्ची महुआ और देशी शराब की खुलेआम बिक्री हो रही है। इस पर समय-समय पर पुलिस और विभागीय कार्यवाही जरूर होती है, लेकिन इन कार्रवाइयों का प्रभाव सीमित नजर आता है।
बड़े कारोबारियों पर क्यों नहीं हो रही कार्रवाई?
स्थानीय लोगों का कहना है कि आबकारी विभाग,पुलिस की कार्यवाही छोटे कोचियों तक ही सीमित रहती है, जबकि बड़े शराब कारोबारी प्रशासन की पकड़ से दूर हैं। इसके चलते कई लोग थाने और आबकारी विभाग पर संरक्षण देने के आरोप भी लगा रहे हैं। शाम होते ही शराब के अवैध अड्डों पर ग्राहकों की मेले की तरह भीड़ इस स्थिति की गंभीरता को दर्शाती है।
नहर किनारे को खोदकर बनाया जा रहा अवैध शराब,आबकारी विभाग,पुलिस पर उठने लगे सवाल
वही मिली जानकारी के अनुसार करनौद-गोविन्दा के बीच नहर को भी अवैध शराब कारोबारियों ने नही छोड़ा रहे है,नहर को गड्ढा कर महुआ लहन को छुपाया जाता है,वही गड्ढा करके महुआ शराब भी बनाया जा रहा है,जिससे नहर का पानी किसानों को नहीं मिल पा रहा है,वही करनौद,सबरिया डेरा गोविन्दा,सबरिया डेरा सोनाईडीह में खुलेआम शराब बिक्री किया जा रहा है लेकिन आबकारी विभाग,बिर्रा-बम्हनीडीह पुलिस मौन साधे हुई है।
सबरिया डेरा में रोजना हो रहे हजारों लीटर कच्ची शराब का निर्माण
वही सबरिया डेरा गोविन्दा,सबरिया डेरा सोनाईडीह में रोजाना हजारों लीटर अवैध महुआ शराब का निर्माण किया जा रहा है,लेकिन इसकी भनक आबकारी विभाग,पुलिस को न हो ऐसा नहीं हो सकता है,सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अवैध शराब बिक्री करने वाले मोटा रकम ऊपर चढ़ावा के रुप में देते हैं जिससे उन्हें सरंक्षण मिल रही है
ढाबों पर भी नशे का कारोबार
बिर्रा-बम्हनीडीह थाना क्षेत्र के ढाबों में भी अवैध शराब बिकने की शिकायतें आम हो गई हैं। बावजूद इसके इन पर कठोर कार्यवाही का अभाव समझ से परे है। शिकायत करने वाले नागरिकों को अक्सर धमकियां दी जाती हैं और उनके साथ बदसलूकी भी की जाती है।
नशे की चपेट में युवा और महिलाएं
यह स्थिति न केवल परिवारों में अशांति और हिंसा बढ़ा रही है, बल्कि युवा पीढ़ी और महिलाओं को भी नशे की लत की ओर धकेल रही है। इससे सामाजिक बुराइयों और अपराधों में भी इजाफा हो रहा है।
क्या होगा समाधान?
आमजन और प्रशासन के बीच समन्वय और दृढ़ता से कार्यवाही की जरूरत है। जब तक बड़े शराब माफियाओं पर शिकंजा नहीं कसा जाएगा, तब तक यह समस्या जस की तस बनी रहेगी।
अब देखना यह है कि बम्हनीडीह एवं बिर्रा थाना क्षेत्र में अवैध शराब और नशीले पदार्थों के खिलाफ निर्णायक कार्यवाही कब और कैसे होती है। क्या प्रशासन इन सामाजिक बुराइयों को खत्म करने में सफल होगा, या यह समस्या यूं ही बढ़ती रहेगी?
